श्लोक
मंगलं भगवान विष्णुः
मंगलं गरुड़ध्वजः ।
मंगलं पुण्डरीकाक्षः
मंगलायतनो हरिः ॥
अनुवाद
मंगलं भगवान विष्णुः – भगवान विष्णु सबको मंगल (कल्याण) प्रदान करने वाले हैं।
मंगलं गरुड़ध्वजः – गरुड़ध्वज (जिनके ध्वज पर गरुड़ का चिन्ह है) भगवान का मंगलमय स्वरूप है।
मंगलं पुण्डरीकाक्षः – कमलनयन (पुण्डरीकाक्ष) भगवान विष्णु शुभ और कल्याणकारी हैं।
मंगलायतनो हरिः – हरि (विष्णु) स्वयं मंगल के आश्रय और निवासस्थान हैं।
भावार्थ
यह श्लोक भगवान विष्णु के चार शुभ नामों का स्मरण कर उनके द्वारा जीवन में मंगल, शांति और कल्याण की कामना करता है।
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